ये सभी कलाकार यदि मांसाहारी न भी हों तो भी अधिकांशतः उन होटलों में भोजन ग्रहण अवश्य करते हैं जिनमें मांस पकाया जाता है तथा जहां शुद्धि-अशुद्धि का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। यही नहीं, शराब पीना तो इन कलाकारों की दिनचर्या का अभिन्न अंग होता है, जिसके बिना तो इनकी कोई भी पार्टी अधूरी होती है ।
यदि हम यह भी मान लेते हैं कि कोई टीवी कलाकार किसी धार्मिक सीरियल अथवा फिल्म को करने के पश्चात सात्विक आचरण करके अपनी दिनचर्या व्यतीत कर रहा है तब भी वह भगवान के समान ऊर्जा वाला तो नहीं हो सकता न। ऐसे में उस टीवी कलाकार का ध्यान करने में साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा दिशाहीन ही कही जाएगी क्योंकि उसे उसी निम्न स्तर की ऊर्जा की ही प्राप्ति होगी जिसका वह ध्यान कर रहा है।
अतः सनातनियो में व्याप्त इस भयानक रोग को अब नष्ट करने का समय आ गया है, अन्यथा इन फिल्मी कलाकारों को ईश्वर के रूप में पूजने से मोक्ष मिलना तो दूर उल्टा आपका विनाश ही होगा ।
''शिवार्पणमस्तु"
-Astrologer
Manu Bhargava
🙏🏻
जवाब देंहटाएं