प्रायः देखने में आता है जब कभी हमारे घर के आसपास कोई कुत्ता,बिल्ली आदि पशु यदि असमय ही विलाप करने लगते हैं तो हमारे घर के बड़े बुजुर्ग हमसे कहते हैं कि कोई अशुभ घटना घटित होने वाली है, क्योंकि कुत्ते, बिल्ली आदि का रोना शुभ नहीं माना जाता।
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गुरुवार, 22 अप्रैल 2021
पशुओं के अकारण रोने का रहस्य...
रविवार, 18 अप्रैल 2021
जीवन में नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव एवं उपाय
भगवान शंकर और माता भवानी के चरणों को प्रणाम करते हुए आज मैं उस रहस्य को प्रकट करने जा रहा हूँ जिसके कारण करोड़ों मनुष्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं।
गुरुवार, 1 अप्रैल 2021
बुध का अपनी नीच राशि मीन में प्रवेश
बुध ग्रह 1 अप्रैल 2021 से लेकर 16 अप्रैल 2021 तक अपनी नीच राशि 'मीन' में स्थित रहेंगे, जिसमें वह वहीं पहले से संचार कर रहे 'उच्च के शुक्र' से युति करके कुछ राशियों के लिए नीचभंग राजयोग तो बनाएंगे परंतु अपने से सम्बंधित रोग भी देंगे।
सोमवार, 29 मार्च 2021
श्रीमद्भागवत् गीता के नाम पर चल रहे मिथ्या प्रचार का निराकरण...
क्या आप जानते हैं गीता में यह लिखा है, वह लिखा है, ऐसे जितने भी लेख आपको देखने को मिलते हैं उनमें से 99% वाक्य गीता में लिखे ही नहीं होते।
धर्म का आलम्बन लेकर अपना जीवन यापन करने वाले निष्ठावान साधक, श्रीमद्भागवत् गीता ही नहीं अपने अन्य ग्रन्थों का अध्ययन करके स्वयं भी जाग्रत हों और दूसरों को भी जाग्रत करें, जिससे धर्म की रक्षा की जा सके, क्योंकि...
धर्म एव हतो हन्ति
धर्मो रक्षति रक्षितः । तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्
अर्थात-
मरा हुआ धर्म,मारने
वाले का नाश, और रक्षित किया हुआ धर्म, रक्षक की रक्षा करता है,इसलिए धर्म का हनन कभी
न करना, इस डर से कि मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले।
-Astrologer
Manu Bhargava
शनिवार, 27 मार्च 2021
फिल्मी कलाकारों का भगवान के रूप में पूजन : उचित अथवा अनुचित ?
ये सभी कलाकार यदि मांसाहारी न भी हों तो भी अधिकांशतः उन होटलों में भोजन ग्रहण अवश्य करते हैं जिनमें मांस पकाया जाता है तथा जहां शुद्धि-अशुद्धि का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। यही नहीं, शराब पीना तो इन कलाकारों की दिनचर्या का अभिन्न अंग होता है, जिसके बिना तो इनकी कोई भी पार्टी अधूरी होती है ।
यदि हम यह भी मान लेते हैं कि कोई टीवी कलाकार किसी धार्मिक सीरियल अथवा फिल्म को करने के पश्चात सात्विक आचरण करके अपनी दिनचर्या व्यतीत कर रहा है तब भी वह भगवान के समान ऊर्जा वाला तो नहीं हो सकता न। ऐसे में उस टीवी कलाकार का ध्यान करने में साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा दिशाहीन ही कही जाएगी क्योंकि उसे उसी निम्न स्तर की ऊर्जा की ही प्राप्ति होगी जिसका वह ध्यान कर रहा है।
अतः सनातनियो में व्याप्त इस भयानक रोग को अब नष्ट करने का समय आ गया है, अन्यथा इन फिल्मी कलाकारों को ईश्वर के रूप में पूजने से मोक्ष मिलना तो दूर उल्टा आपका विनाश ही होगा ।
''शिवार्पणमस्तु"
-Astrologer
Manu Bhargava
मंगलवार, 22 सितंबर 2020
आत्महत्याओं का कारण बनेगी चंद्र-केतु युति
अपने इस ब्लॉग के माध्यम से मैं अपने सभी ज्योतिषी बंधुओं का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहूंगा-
शनिवार, 19 सितंबर 2020
राहु-केतु का राशि परिवर्तन 2020
आइये जानते हैं राहु व केतु के इस राशि परिवर्तन के कारण सभी राशि व लग्नों वाले जातकों के जीवन में क्या प्रभाव पड़ेगा -
राहु का विभिन्न राशि- लग्नों पर पड़ने वाला प्रभाव
मेष राशि- मेष लग्न
मेष राशि- मेष लग्न वाले जातकों को इस अवधि काल में दाहिने नेत्र, मुख एवं दांतों में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। कुटुंब में क्लेश व तनाव की स्थिति बनेंगी परन्तु अचानक से धन प्राप्ति होने के योग भी बनेंगे।
वृष राशि- वृष लग्न
इन जातकों के सिर पर राहु आ जाने के कारण मानसिक तनाव तथा सिर में चोट लगने की संभावना बढ़ जाएगी। राहु की नवम दृष्टि पिता के सुख से वंचित कर सकती है अतः पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मिथुन राशि- मिथुन लग्न
राहु के बारहवें भाव में गोचर करने के कारण बाएं नेत्र में कष्ट, अनावश्यक धन हानि तथा पुलिस केस मुकदमों एवं चिकित्सा आदि पर धन- व्यय होने के योग बनेंगे।
कर्क राशि- कर्क लग्न
राहु के एकादश भाव में गोचर करने के कारण बड़े भाई-बहिनों, छोटी बुआ व चाचा को कष्ट, स्वयं की पिंडलियों में दर्द व चोट लगने के योग बनेंगे किन्तु आकस्मिक धन-लाभ की भी स्थिति रहेगी।
सिंह राशि-सिंह लग्न
यदि किसी की जन्म-कुंडली में दशम भाव एवं दशमेश की स्थिति अच्छी बनी हुई है तो राहु का दशम भाव में गोचर उसे सरकार से उच्च पद की प्राप्ति कराएगा किन्तु घुटनों में चोट-दुर्घटना की सम्भावना भी बनी रहेगी।
कन्या राशि- कन्या लग्न
राहु के नवम भाव में गोचर करने के कारण इस अवधि काल में इन जातकों के पिता कष्ट का अनुभव करेंगे तथा ये स्वयं कमर व पीठ की समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं एवं धर्म में अरुचि हो जायगी। ऐसे व्यक्ति देश के अंदर लम्बी यात्राओं से बचें, अचानक भाग्योदय का योग बनेगा।
तुला राशि- तुला लग्न
राहु के अष्टम में गोचर करने के कारण इस राशि- लग्न के जातक मानसिक तनाव व डिप्रेशन का अनुभव करेंगे। ससुराल पक्ष में कष्ट रहेगा तथा जीवनसाथी के दांतों में कोई रोग प्रकट होने की सम्भावना होगी। ऐसे जातक इस अवधि काल में समुद्र की यात्राओं से बचें।
वृश्चिक राशि- वृश्चिक लग्न
राहु के सप्तम भाव में गोचर करने के कारण इन जातकों के वैवाहिक जीवन में कष्ट आएंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट अथवा किसी पार्टनर से धोखा एवं उसकी हानि हो सकती है अतः पार्टनरशिप में सावधानी रखें।
धनु राशि- धनु लग्न
राहु के छठें भाव में गोचर करने के कारण चोट-दुर्घटना एवं पुलिस केस मुकदमेबाज़ी का भय रहेगा। इस राशि-लग्न के जिन जातकों को पहले से ही किडनी, लिवर,आंतें, पैंक्रियास आदि की समस्याएं हैं, वह बढ़ जाएँगी परन्तु शत्रुओं का नाश होगा।
मकर राशि- मकर लग्न
इस राशि-लग्न वाले जातकों के राहु उनके पंचम भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में विद्यार्थियों को पढाई में कष्ट तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। इस लग्न व राशि के जातकों के पेट की समस्याएं बढ़ेंगी तथा संतान कष्ट होगा एवं गर्भवती महिलाओं को संतान-हानि के योग बनेंगे किन्तु शेयर बाज़ार से अचानक धन प्राप्त हो सकता है।
कुम्भ राशि- कुम्भ लग्न
इस राशि व लग्न के जातक नया वाहन लेने तथा भूमि के क्रय-विक्रय से बचें, यदि उनकी जन्म-कुंडली में चतुर्थ भाव व चतुर्थेश की स्थिति भी अशुभ हुई एवं दशा-अंतरदशा भी अशुभ ग्रहों की चल रहीं हो तो ऐसे में वाहन दुर्घटना के योग बन जायेंगे।
मीन राशि- मीन लग्न
इस राशि- लग्न के जातकों को अपने छोटे भाई-बहिनों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। जन्म-कुंडली में तृतीय भाव व तृतीयेश की स्थिति भी अशुभ हुई तो इस लग्न-राशि के जातकों को इस अवधि काल में विदेश यात्रा से बचना चाहिए।
केतु का विभिन्न राशि- लग्नों पर पड़ने वाला प्रभाव
मेष राशि- मेष लग्न
इस राशि व लग्न के जातकों को मानसिक तनाव, मानसिक पीड़ा, ससुराल में कष्ट एवं जीवनसाथी के एक आँख तथा दांतों में कष्ट के योग बनेंगे। समुद्र की यात्राओं से बचें।
वृष राशि- वृष लग्न
जीवनसाथी को कष्ट व वैवाहिक जीवन में अलगाव व तनाव की स्थिति बनेगी, किसी पार्टनर की दुर्घटना का समाचार प्राप्त हो सकता है।
मिथुन राशि- मिथुन लग्न
चोट- दुर्घटना से बचाव करें, व्यर्थ के विवाद में पड़ने से बचें अन्यथा कोर्ट केस होने की सम्भावना रहेगी।
कर्क राशि- कर्क लग्न
इस राशि व लग्न के जातकों के पेट में एसिड एवं गैस की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जिनकी जन्म कुंडली में पहले से ही पंचम भाव तथा पंचमेश अशुभ प्रभाव में हैं, उनके पेट के ऑपरेशन के योग बनेंगे तथा गर्भवती महिलाओं को गर्भ हानि का भय रहेगा।
सिंह राशि- सिंह लग्न
इस राशि व लग्न के जातकों की माता को कष्ट एवं स्वयं के सुख में कमी रहेगी, अपने निजी वाहन के द्वारा लम्बी यात्रा करने से बचें।
कन्या राशि- कन्या लग्न
इस राशि व लग्न के जातकों के छोटे भाई-बहिनों को कष्ट, स्वयं के गले तथा कान में समस्याओं के योग बनेंगे। मित्रों से अलगाव की स्थिति प्राप्त होगी।
तुला राशि- तुला लग्न
इस राशि व लग्न के जातकों के कुटुंब में क्लेश व तनाव, स्वयं के दाहिने नेत्र एवं दांतों में पीड़ा की सम्भावना रहेगी तथा मुख पर फोड़े- फुंसी आदि होने की सम्भावना रहेगी।
वृश्चिक राशि- वृश्चिक लग्न
सिर में चोट- दुर्घटना का भय बना रहेगा, अनावश्यक क्रोध करने की स्थिति से बचें। नशीली वस्तुओं के प्रयोग के कारण आप अपना तथा अपने परिवार का जीवन संकट में डाल सकते हैं, अतः नशीली वस्तुओं के सेवन से बचें।
धनु राशि- धनु लग्न
बाएं नेत्र में कष्ट की सम्भावना रहेगी, व्यर्थ के खर्चे बढ़ाने की प्रवृति से बचें। दादी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मकर राशि- मकर लग्न
इस राशि व इस लग्न के जातकों के बड़े भाई- बहिनों को लम्बी दूरी की यात्रा पर जाने से बचना चाहिए।
कुम्भ राशि- कुम्भ लग्न
इस राशि व इस लग्न के वह जातक जो सरकारी नौकरियों में हैं, उनके लिए यह समय कष्टकारी होगा, ऐसे लोग अपने उच्च अधिकारियों से विवाद की स्थिति उत्पन्न करने से बचें तथा जिन लोगों के सरकारी कार्य अब तक सफलता पूर्वक चल रहे थे, अब उनमे रुकावटें आना आरम्भ होंगी।
मीन राशि- मीन लग्न
मीन राशि व मीन लग्न के जातकों के पिता निजी वाहनों के द्वारा लम्बी दूरी की यात्रा पर जाने से बचें तथा इस राशि व इस लग्न के जातक स्वयं भारी सामान आदि को उठाने की प्रवृति से बचें, अन्यथा उनकी कमर व पीठ में समस्या आने का योग बनेगा।
इन सभी राशि व लग्नों वाले जातकों की जन्म-कुंडली में राहु व केतु यदि शुभ प्रभाव में हुए तथा उनकी दशा-अन्तर्दशा भी शुभ चल रही हों तो उन जातकों को राहु-केतु का परिवर्तन अशुभ फल न देकर शुभ फल ही प्रदान करेगा किन्तु जिन जातकों की जन्म-कुंडली में राहु व केतु अशुभ प्रभाव में हुए एवं दशा-अन्तर्दशा भी अशुभ चल रही होगी, उनके लिए राहु-केतु का यह राशि परिवर्तन अत्यंत विनाशकारी होगा।
"शिवार्पणमस्तु"
-Astrologer Manu Bhargava
मंगलवार, 25 अगस्त 2020
जीवांश-परमात्मांश रहस्य
भगवान् शंकर और माता भवानी के चरणों में अपना मस्तक रखते हुए तथा पराशर ऋषि को प्रणाम करते हुए मैं उन्ही के शब्दों में जीवांश एवं परमात्मांश तत्व का रहस्य प्रकट करने जा रहा हूँ।